संदर्भ:
हाल ही में, भारत और अमेरिका के बीच वाशिंगटन डीसी में अफ्रीका पर दूसरी वार्ता सम्पन्न हुई।
मुख्य अंश
- विदेश मंत्रालय ने अफ्रीका पर भारत-अमेरिका वार्ता के दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की, जिसमें पूरे अफ्रीका में संबंधों को बढ़ाने और विकासात्मक प्रयासों में सहयोग करने की संयुक्त प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।
- भारतीय और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडलों ने इस वार्ता में सक्रिय रूप से भाग लिया तथा उच्च स्तरीय भागीदारी और नेतृत्व का प्रदर्शन किया।
उद्देश्य और लक्ष्य: उक्त संवाद का प्राथमिक लक्ष्य विचारों और दृष्टिकोणों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
- यह संवाद अफ्रीका में विकास परियोजनाओं और कार्यक्रमों पर प्रभावी सहयोग के लिए संस्थागत, तकनीकी और द्विपक्षीय तालमेल के विकास पर जोर देता है।
अफ्रीकी प्राथमिकताओं के साथ संरेखण: वार्ता का उद्देश्य भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की शक्तियों का लाभ उठाकर सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करना है जो अफ्रीकी प्राथमिकताओं के साथ संरेखित हों, जिसका उद्देश्य महाद्वीप पर विकासात्मक पहलों को बढ़ाना है।
विकास परियोजनाओं में भागीदारी
भारत और अमेरिका ने अफ्रीका में शिक्षा, ऊर्जा, कृषि और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न विकास परियोजनाओं पर सहयोग किया है।
- इनमें से फीड द फ्यूचर इंडिया अफ्रीका इनोवेशन ट्रांसफर मंच उल्लेखनीय है। इसका उद्देश्य केन्या और मलावी में भारतीय कृषि तकनीकों को साझा करना है ताकि स्थानीय फसल उत्पादन और जल प्रबंधन को बढ़ाया जा सके।
- एचआईवी / एड्स जैसी संक्रामक बीमारियों से निपटने या स्थानीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मजबूत करने के लिए सहयोगात्मक स्वास्थ्य देखभाल पहल।
- संचार नेटवर्क या टेलीमेडिसिन अवसंरचना विकसित करने हेतु डिजिटल अवसंरचना परियोजनाएं।
वार्ता का महत्व
- चीनी प्रभाव का मुकाबला करना: चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) और महत्वपूर्ण निवेश जैसी पहलों के माध्यम से अफ्रीका में प्रभाव का विस्तार कर रहा है।
- सुरक्षा संबंधी चिंताओं से संबंधित मुद्दों का समाधान करना: कुछ अफ्रीकी क्षेत्रों में चल रहे संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता से भारतीय निवेश, प्रवासियों और विकास परियोजनाओं की सुरक्षा को खतरा है, जिसके लिए सहयोगात्मक सुरक्षा प्रयासों की आवश्यकता है।
अफ्रीका को शामिल करने हेतु भारत के प्रयास
- एशिया-अफ्रीका विकास गलियारा: जापान के साथ साझेदारी में भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए इस पहल की शुरुआत की।
- कंपाला सिद्धांत (2018): भारतीय प्रधानमंत्री ने भारत-अफ्रीका साझेदारी के लिए दस मार्गदर्शक सिद्धांत स्थापित किए, जिनमें आपसी विकास और स्थानीय साझेदारी को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
- भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC): इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत अफ्रीकी देशों के पेशेवरों और छात्रों के लिए क्षमता निर्माण के अवसर प्रदान करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन: भारत की भागीदारी अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन तक भी फैली हुई है, जो अफ्रीकी देशों को स्वच्छ और किफायती ऊर्जा समाधान तक पहुंच प्रदान करता है।
- जी-20 का स्थायी सदस्य: भारत की अध्यक्षता के दौरान हाल ही में अफ्रीकी संघ को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया जाना, भारत-अफ्रीका सहयोग को और अधिक मजबूत करता है।