संदर्भ: हाल ही में भारतीय रेलवे ने देश का पहला केबल-स्टेड रेल पुल, अंजीखाड़ पुल, का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया।

  • अंजीखाड़ पुल जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है और यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है।
  • यह कटरा और रियासी के बीच संपर्क स्थापित करेगा, जिससे जम्मू क्षेत्र और कश्मीर घाटी के बीच यातायात और संपर्क में सुधार होगा।
  • यह पुल चिनाब नदी की सहायक नदी अंजी नदी पर बना है।
  • इसका केंद्रीय केबल-स्टेड स्पैन 290 मीटर लंबा है।
  • USBRL परियोजना का दूसरा प्रमुख पुल चिनाब आर्च पुल है, जो 1,053 फीट (321 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है और विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे पुल होगा।
  • यह पुल चुनौतीपूर्ण हिमालयी भूभाग में बनाया गया है और इसे भूकंपीय गतिविधियों और जटिल भूवैज्ञानिक स्थितियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • भारतीय रेलवे ने पुल की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए IIT रुड़की और IIT दिल्ली के साथ सहयोग किया।

पुल की विशेषताएँ

  • पुल चार प्रमुख खंडों में विभाजित है:
    • 120 मीटर का एप्रोच वायाडक्ट (रियासी की ओर)।
    • 38 मीटर का एप्रोच ब्रिज (कटरा की ओर)।
    • 473.25 मीटर का केबल-स्टेड सेगमेंट, जो घाटी में फैला है।
    • 94.25 मीटर का केंद्रीय तटबंध, जो मुख्य संरचना को वायाडक्ट से जोड़ता है।
    • पुल में 82 से 295 मीटर लंबाई की कुल 96 केबल्स का उपयोग किया गया है।
    • मुख्य तोरण को सहारा देने वाली ढलानों की स्थिरता के लिए हाइब्रिड नींव तकनीक अपनाई गई।
    • निर्माण में डोका जंप फॉर्म शटरिंग और पंप कंक्रीटिंग जैसी उन्नत विधियों का उपयोग किया गया, जिससे दक्षता और सुरक्षा में सुधार हुआ।
    • पुल 100 किमी/घंटा तक की गति से चलने वाली ट्रेनों का भार सहन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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